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वाइब्रेंट Gujarat ग्लोबल Summit 2024 : 51 अरब डॉलर का निवेश

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट जिसकी परिकल्पना 2003 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेत्रत्व में की गई थी, आज वो समिट समावेशी सतत विकास के व्यापरिक सहयोग, ज्ञान साझा करने और रणनीतिक साझेदारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित ग्लोबल मंचो में से एक के रूप में विकसित हुआ है।

वाइब्रेंट गुजरात समिट के उदघाटन समारोह में बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने समिट की सफलता का श्रेय नरेंद्र मोदी को दिया वाइब्रेंट गुजरात समिट का आयोजन मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरन से ही हो रहा है।

इस शिखर सम्मेलन की शुरुआत 2003 में हुई थी, पहले शिखर सम्मेलन में 700 डेलीगेटसशामिल हुए थे, लेकिन अब इसमें हिस्सा लेने वाले डेलीगेटस की संख्या 1 लाख हो गई है। मुकेश अंबानी ने कहा कि जब पीएम मोदी बोलते हैं तो पूरी दुनिया सुनती है।

वाइब्रेंट गुजरात समिट के विशेष आकर्षण

  • 100 से अधिक वैश्विक कंपनियों ने भाग लिया
  • भारत के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात में 33% की भागीदारी
  • पीएम मोदी को अंबानी ने सबसे महान वैश्विक नेता बताया

समिट में लिए गए विशेष निर्णय 

  • फिनटेक सिटी गिफ्टसिटी की कंपनियों को डायरेक्ट लिस्टिंग का मौका मिलेगा
  • भारत दुनिया का नंबर 1 ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा
  • बिजली और जेब ईंधन से ट्रैक्टर और सार्वजनिक परिवहन चलेंगे
  • भारत इस साल ग्लोबल चिप निर्माण नक्शे पर स्थापित हो जाएगा, मेड इन इंडिया चिप साल के अंत तक आएगी
  • दुनिया के सेमीकंडक्टर उद्योग के मंच पर भारत का नक्शा भी दिसंबर 2024 से पहले स्थापित हो जाएगा
  • अमेरिकी सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी माइक्रोन के साणंद (गुजरात) स्थित फैक्ट्री से पहला चिप इस साल के अंत तक निकल जाएगा

अरबपति गौतम जिन्हे हाल ही में एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति नामित किया गया था, ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन में घोषणा की कि वे भारत में 2 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश करेंगे। वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरन अडानी ने अलग-अलग क्षेत्रो में 50,000 करोड़ के निवेश का रिकॉर्ड बनाया जिससे 2025 तक 25,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार उत्पन्न होंगे।

गुजरात

इसके बजाय राज्य में 55,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, उन्होंने कहा कि “समूह कच्छ में हरित ऊर्जा पार्क का निर्माण करने जा रहा है, जो अंतरिक्ष से दिखायी देगा और 30 गीगावाट क्षमता वाला 25 वर्ग किलोमीटर में फेल होगा’’। अडानी ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उनके उल्लेखनीय दृष्टिकोण, ऊंचे लक्ष्य, सावधानी पूर्वक नेत्रत्व और दोष रहित कार्यान्न्वयन की प्रशंसा की।

अडानी ने कहा ”आप भविष्य की भविष्यवाणी नहीं करते हैं आप इसे आकार देते हैं” उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बनाने और देश को ‘वसुधैब कुटुंबकम’ के दर्शन से प्रेरित वैश्विक सामाजिक चैंपियन के रूप में स्थापित करने का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया।

शिखर सम्मेलन के दौरन उन्होंने ये भी कहा कि अडानी ग्रुप अगले 5 वर्षों में गुजरात में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का इरादा रखता है जिससे 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी।

पीएम मोदी सबसे महान वैश्विक नेता

मुकेश अंबानी ने कहा कि ”मैं भारत के प्रवेश द्वार मुंबई से आधुनिक भारत के विकास के प्रवेश द्वार गुजरात तक आया हूं मुझे गुजराती होने पर गर्व है, जब विदेशी लोग भारत के बारे में सोचते हैं तो वे नए गुजरात के बारे में भी सोचते हैं, ये बदलाव कैसे हुआ? इस बदलाव की वजह एक नेता है जो हमारे समय के सबसे महान वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं। इस नेता का नाम पीएम मोदी है जो भारत के इतिहास में सबसे सफल पीएम हैं।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की बात करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि ”इस तरह का कोई और समिट 20 साल तक लगातार जारी नहीं रहा है, लेकिन ये समिट लगातार और भी शानदार होता जा रहा है, ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता और निरंतरता का नतीजा है।” मैं कुछ भाग्यशाली लोगों शामिल रहा हूं, जिसने वाइब्रेंट गुजरात के हर शिखर सम्मेलन में भाग लिया है।

2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा भारत

रिलायंस चेयरमैन ने कहा कि पीएम मोदी ने 2 दशकों में गुजरात से ग्लोबल मंच तक की यात्रा की है, आज भारत के युवाओं के पास देश की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने के लिए सबसे अच्छा समय है उनको कहा कि आगे आने वाली पीढ़ियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को स्थापित करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देगी। पीएम मोदी ने विकसित भारत की नीव रखी है। दुनिया की कोई भी ताकत 2047 तक भारत को 35 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने से नहीं रोक पाएगी।

शिखर सम्मेलन

भारत पांच साल में बन जाएगा तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

केंद्रीय गृह और सचिवालय मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बने तो अगले पांच साल में ही भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बना देंगे यह समिट का समापन नहीं वर्ष 2047 के विकसित भारत के सपने के पूरा होने की शुरुआत है। मोदी ने देश में आधारभूत सुधार किए हैं।

अमित शाह ने कहा है कि युग परिवर्तन का समय आ गया है। गुजरात मॉडल और मोदी के विजन को देखकर देश के लोगों ने 2014 में उन्हें भारत की कमान सौंपी थी। 10 साल में मोदी ने भारत को दुनिया की पांचवी आर्थिक महाशक्ति बना दिया। तीसरी बार मोदी प्रधानमंत्री बने तो अगले पांच साल में ही भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महासत्ता बन जाएगा।

वाइब्रेंट गुजरात समिट 2024 में भाग लेने वाले भारत और दुनिया के उद्योगपति

  1.  श्री लक्ष्मी मित्तल, अध्यक्ष आर्सेलर मित्तल
  2. श्री तोशीहिरो सुजुकी, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन जापान के अध्यक्ष
  3. श्री मुकेश अंबानी,रिलायंस ग्रुप
  4. श्री संजय मल्होत्रा ​​सीईओ माइक्रोन टेक्नोलॉजीज यूएसए
  5. श्री गौतम अदाणी, अध्यक्ष अदाणी ग्रुप
  6. श्री जेफरी चुन सीईओ सिमटेक, दक्षिण कोरिया
  7. श्री एन चन्द्रशेखरन, अध्यक्ष टाटा संस लिमिटेड
  8. श्री सुल्तान अहमद बिन सुलेयम, डीपी वर्ल्ड के अध्यक्ष
  9. श्री शंकर त्रिवेदी, सीनियर वीपी एनवीडिया
  10. श्री निखिल कामत, ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ

FAQs:

Q: वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में कौन सी कंपनियों ने निवेश किया?

A: ”भविष्य का प्रवेश द्वार” थीम के साथ रिलायंस, टाटा,अदानी ग्रुप, आर्सेलरमित्तल कुछ बड़े नाम हैं, जिन्होंने गुजरात में निवेश विस्तार की घोषणा की, इस प्रोग्राम में इनोवेटिव एनर्जी और सेमीकंडक्टर पर मुख्य फोकस किया गया है।

Q: वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का निष्कर्ष क्या रहा?

A: वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण 12 जनवरी को 41299 प्रोजेक्ट के लिए एमओयू के साथ पूरा हुआ जिसके मेगा इवेंट के दौरान 26.33 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए।

आपको वाइब्रेंट Gujarat ग्लोबल Summit 2024 पोस्ट में Gujarat ग्लोबल Summit से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है यदि आपको जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्र मंडली में साझा करें।

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तमिल हनुमान जयंती : 2024 पर विशेष कैसे ,कब और क्यों मनाया जाता है?

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तमिल लोग आज हनुमान जयंती मना रहे हैं आज गुरुवर 11 जनवरी पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है तमिलनाडु वह स्थान है जहां तमिल हनुमान जयंती मुख्य रूप से मनाई जाती है और ये एक ऐसा दिन जिसे वहां बहुत सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है।

इस दिन मनाई जाने वाली एक और छुट्टी आंजनेयर जयंती है, तमिलनाडु में हनुमान जयंती जयदातार तमिल कैलेंडर के अनुसार मूलम पर मनायी जाती है भगवान हनुमान का जन्म मार्गशीर्ष अमावस्या को सूर्योदय के समय मूलम् नक्षत्र में हुआ था इस दिन को हिंदू धर्म के मुख्य त्यौहारो में से एक माना जाता है और इसका अत्याधिक महत्व है।

तमिल हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त:

शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती कैसे मनाते हैं?

उत्तर भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है जबकी दक्षिण (तमिलनाडु) में पौष अमावस्या को हनुमान जयंती का उत्सव होता है इस दिन भक्त लोग उपवास करते हैं और भगवान हनुमान से प्रार्थना करते हैं। और उनका आशीर्वाद माँगने के लिए उनके मंदिरो में जाते हैं।

भगवान राम के एक समर्पित सेवक के रूप में हनुमान जी प्रेम और प्रतिबद्धता से जुडे हैं भगवान हनुमान,शक्ति और बल के साथ दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत का प्रतीक हैं भगवान हनुमान शक्ति, निष्ठा और अपार बुद्धि संपन्न हैं, इस शुभ अवसर पर भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रामायण का पाठ करते हैं, हनुमानजी के बारे में ऐसा माना जाता है कि वे हर उस जगह पर मौजूद रहते हैं जहां लोग राम नाम जप करते हैं।

हनुमान

इस अवसर पर भक्त सुंदर कांड पाठ का भी आयोजन किया जाता है हनुमानजी को समर्पित आंजनेय मंदिर में कई अनुष्ठान किए जाते हैं लोग गरीबो को मुफ्त भोजन देते हैं हनुमान जी को हिंदू धर्म में वानर के रूप में पूजा जाता है, भक्त लोग अपने दुख दर्द दूर करने की प्रार्थना करते हैं और भगवान का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं, तमिलनाडु में इसे हनुमंत जयंती के नाम से भी जाना जाता है, इसका उत्सव 41 दिन तक चलता है।

ये चैत्र पूर्णिमा को प्रारंभ होकर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के दसवें दिन समाप्‍त होता है द्रिक पंचांग के अनुसार तमिलनाडु में आज 11 जनवरी को हनुमंत(हनुमान)जयंती मनाई जा रही है।

तमिल हनुमान जयंती 2024 पूजा प्रक्रिया:

  • सुबह उठते ही पवित्र जल से स्नान करे।
  • सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र पहन कर लाल कपडे पर हनुमान जी की पंचमुखी मूर्ति या चित्र की स्थापना करे।
  • मूर्ति के चारो तरफ पुष्प माला रखे।
  • हनुमान जी को शुद्ध देशी घी में सिन्दूर मिलाकर मूर्ति पर लगायें सिन्दूर के ऊपर चांदी के बर्क से भगवान का श्रृंगार करें।
  • भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने दीया जलाएं।
  • हनुमान जी को भोग में नारियल, फल और मिठाइयाँ रखे भोग में बेसन की बूंदी का प्रसाद लगाएं।
  •  सुगंधित धूप दिखाये और सूत का बना जनेऊ समर्पित करे।
  • हनुमत जयंती के विशेष अवसर पर हनुमानजी से मंगल कामना करें और आरती करें।
  • भक्त लोग इस दिन उपवास करते हैं और शाम को मंदिर जाकर हनुमानजी के दर्शन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करके उपवास खोलते हैं।

नीचे मंत्रों का जाप कर सकते हैं

“ओम नमो भगवते हनुमते नमः”

अर्थ: हे हनुमानजी ! हमारे सर्व शत्रु का नाश कीजिये, अपनी कृपा दृष्टि से सर्व रोगो का हरण कीजिये हे राम दूत ! हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आपकी कृपा से हमारे सभी कार्यों में कीर्ति और सफलता प्राप्त हो, हे संकटमोचन ! हम आपको प्रणाम करते हैं।

“ॐ हं हनुमते नमः”

ये मंत्र हनुमानजी की अभिनव शक्ति का प्रतीक और सकारात्मकता, बल, संयम और विजय प्रदान करने वाला माना जाता है।

भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे|

संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बल वीरा|

हनुमान जयंती

हनुमान जी को क्यों पूजा जाता है?

हनुमान जी के कुछ विशिष्ट गुणो का यहाँ वर्णन किया जाता है-

  • चिरंजीवी(अमर): रामायण और राम कथा के विविध संस्मरण संकेत करते हैं कि हनुमान जी को अमर होने का आशीर्वाद प्राप्त है।
  • ब्रह्मचारी(आत्मसंयमी): वे जो भौतिक जगत की सभी भौतिकवादी चीजों से अपनी वासना को नियंत्रित करते हैं।
  • कुरुप और सुंदर: हिंदू ग्रंथो में उनका वर्णन बाहर से कुरुप (बदसूरत) लेकिन दिव्य रूप संपन्न के रूप में किया गया है हनुमान चालीसा में उन्हें पिघले हुए सोने के रंग (कंचन वरण विराज सुबेसा) के समान सुंदर बताया गया है।
  • शक्ति सम्पन्न : हनुमान असाधारण रूप से शक्ति शाली है किसी भी उद्देश्य के लिए कोई भी बोझ उठाने में सक्षम है उनकी इस विशेषता को दरशाते हुए उन्हें वीर, महावीर, महावली और अन्य नामों से बुलाया जाता है।
  • अभिनव: हनुमानजी को ऐसे देवता के रूप में वर्णित किया गया है जो कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं जहां विपरीत स्थितियां उनके अस्तित्व को संकट में डाल सकती हैं वे उन विपरीत स्थितियों को भी मोड़ने का अनोखा तरीका खोज लेते हैं।
  • भक्त: हनुमान जी को राम और सीता के अनुकरनिय भक्त के रूप में पूजा जाता है, भागवत पुराण, भक्त माल, आनंद रामायण और रामचरितमानस जैसे हिंदू ग्रंथ उन्हें ऐसे भक्त के रूप में प्रस्तुत करते हैं जो प्रतिभाशाली, मजबूत, उदार, और आध्यात्मिक रूप से भगवान राम के प्रति समर्पित हैं।
  • विद्वान् योगी: तुलसीदास जी ने अपने ग्रंथो में हनुमान जी के जिन गुणों का वर्णन किया है उनमें वेदांत दर्शन के ज्ञाता, गायक, संगीतकार, व्याकरणविद, वेदो के विद्वान, एक कवि और एक बहुग्य जैसे उत्कृष्ट गुण शामिल हैं।
  • अपने भक्तों को आठ सिद्धियों और नव निधियों के दाता: हनुमान जी को आठ शास्त्रीय सिद्धियों और नव निधियों के दाता के रूप में वर्णित किया गया है रोग पीड़ा, और दुखों को दूर करने वाले के रूप में उनकी पूजा की जाती है।
  • राक्षसो, बुरी आत्माओ,और नकारात्मक ऊर्जाओ के संघारक: भूत,बुरी आत्माओ, और बुरे इरादे वाले मनुष्यो जैसे नकारात्मक प्रभावो से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की पूजा की जाती है।
  • श्री राम और अपने भक्तों के रक्षक: हनुमान जी को भगवान राम के द्वारपाल और अपने भक्तों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है, सच्चे मन से प्रार्थना को हनुमान जी स्वीकार करते हैं, उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है।

हनुमान जी

पंचमुखी या पाञ्चमुखी हनुमान जी के दर्शन का फल

  1. हनुमान जी के मुख की दिशा से उनकी कृपा या फल का अनुमान किया जाता है पूर्व या मुख वाला चेहरा मनुष्य को पवित्रता और सफलता देने का प्रतीक है।
  2. जब हनुमानजी दक्षिण मुखी होते हैं तो विजय और निर्भयता प्रदान करते हैं।
  3. पश्चिम की ओर मुख वाले हनुमान जी (महावीर गरुड़) काले जादू और जहर से रक्षा करते हैं।
  4. उत्तर दिशा की ओर मुख वाले हनुमानजी समृद्धि और धन के प्रतीक हैं।
  5. और आकाश की ओर मुख वाले हनुमानजी (हयग्रीब) को ज्ञान और संतान प्रदान करने के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

FAQs:

Q: हनुमान जी की वास्तविक आयु कितनी है?

A: हनुमान जी का अबिर्भाव अलगभाग 25.9 लाख वर्ष पूर्व हुआ था, हनुमान जी साहस और करुणा के देवता हैं।

Q: हनुमान जी का पसंदीदा भोजन क्या है?

A: परंपरा के अनुसर भगवान हनुमान को 3 प्रकार के लड्डुओं का भोग लगता है एक है केसरिया बूंदी का लडडू दूसरा है बेसन का लडडू और तीसरा है मलाई मिश्री का लडडू, हनुमान जी को सबसे ज्यादा बेसन का लडडू पसंद है।

Q: तमिल हनुमान जयंती क्यो मनाई जाती है?

A: हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है ये मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मनाई जाती है, इसे हनुमत जयंती भी कहा जाता है।

आपको पोस्ट तमिल हनुमान जयंती में हनुमान जयंती से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है यदि आपको जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्र मंडली में साझा करें।

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”पालक पनीर रेसिपी” जानिए क्या है बिना प्याज लहसुन और लाजबाब स्वाद वाली पालक पनीर बनाने का सही तरीका

पालक पनीर सर्दियों में कम तेल और मसाले वाला बिना प्याज लहसुन वाला घर पर बहुत ही स्वादिष्ट पालक पनीर बनाया जा सकता है वो भी बहुत कम समय में ,मसाले से सब्जी का असली प्राकृतिक स्वाद खत्म हो जाता है और रंग भी बदल जाता है।

बनाने में समय :20-25 minute

आजकल हमारे भारत में हरी पत्ते वाली सब्जियां बहुत आती हैं जोकी सीजनल होती हैं जिन्हे प्रयोग करके हम बेहतर स्वाद और विटामिन से भरपूर पालक पनीर को केवल कुछ ही समय में तैयार कर सकते हैं।

बनाने की सामग्री: 

1.1/2 किलो छोटी पत्ती वाला हरा पालक

2. 2 tbs रिफाइंड तेल या देसी घी

3. कुछ काली सरसों के दाने

4. 1हरी मिर्च अगर इस्तेमाल करते हैं

5. नमक स्वादानुसार

6. थोड़ा मक्खन

7.छोटे टुकड़े में कटा हुआ पनीर 200 ग्राम

मल्टीविटामिन साग

बनाने की विधि:

1.पालक को अच्छे से साफ करके 2 से 3 बार एक भगोने में पानी भरकर धो लीजिये।

2. पानी से पालक को निकालकर छेद वाली छलनी में रखना है।

3. सारे पालक को एक भगोने में डालकर थोड़े पानी के साथ गैस पर उबलने रख दीजिये ,भगोने को प्लेट से कवर कर दीजिये।

4. 15 मिनट बाद बीच-बीच में एक चमचे में एक -दो पत्ती निकल कर चेक करते रहें।

5. जब पालक अच्छे से गल जाए छोटे छेद वाले बर्तन में छान लीजिए, नीचे बचे पानी को रख लेना है फेकना नहीं है इसमें विटामिन बहुत होते हैं इसलिए इस पानी का भी प्रयोग करना है एक दम प्राकृतिक हरे रंग का पालक आपको मिलेगा।

6. पालक जब ठंडा हो जाए मिक्सी जार में पीस लीजिए अगर हरी मिर्च पसंद करते हैं तो पालक के साथ पीस सकते हैं अगर गाढ़ा लग रहा हो तो उबलने से बचा हुआ पानी डाल लीजिए।

7. एंडोनियम की कढ़ाई में 2 चम्मच रिफाइंड या देसी घी लेकर थोड़ा सरसों के दाने तथा हींग डालिये।

8. जब अच्छे से चटकने लगे तब पालक का पेस्ट डालकर थोड़ा बचा हुआ पानी डालकर अच्छे से मिक्स करिए स्वाद के अनुसार नमक डालिये और 5-7 मिनिट तक मध्यम आंच पर ढक कर पकने दीजिये।

9. एक उबाल आने पर काटा हुआ पनीर दाल दीजिए और 5 मिनट ढककर रख दीजिए।

10. परोसेंते समय मक्खन या देसी घी डालकर गरम गरम परोसें।

11. एक बेहतरीन और प्राकृतिक स्वाद और रंग वाला बिना मसाले का पालक पनीर तैयार है।

12.सर्दियों के मौसम में ब्रेड, कुलचे, पूरी, परांठे के साथ बिना प्याज, लहसुन वाले पालक पनीर का स्वाद लीजिये और स्वस्थ रहिये।

 Spinach Nutritional Value

Content Source USDA

FAQS:

Q: पालक पनीर की खास बातें और फायदे क्या हैं?

A: पालक पनीर को हम कम मसाले, तेल और शुद्ध शाकाहारी तरीके से भी बना सकते हैं। एक पत्तेदार हरी सब्जी जो बहुत पौष्टिक होती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं ये खनिज, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, हृदय और नेत्र स्वास्थ्य और बेहतर रक्त sugar regulation से भरपूर होता है

Q: पालक पनीर को सुपर फूड क्यों कहा जाता है?

A: पालक एक मल्टीविटामिन साग है पालक में बेशुमार  गुण होते हैं जिनमें से प्रमुख नीचे दिए जा रहे हैं-

  •  पालक कैंसर से रक्षा करता है
  • .पालक ब्लड शुगर को करता है
  • पालक में प्राकृतिक एंटी एजिंग गुण होता है
  • पालक बॉडी को रिलेक्स करता है
  • पालक आपके दिमाग को समान्य रूप से कार्यशील रखता है
  • पालक आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
  • पालक में सूजन रोधी गुण होते हैं
  • पालक हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य में सहायता होता है
  • पालक से त्वचा को चमकने में मदद मिलती है
  • पालक मुहांसो को आने से रोकता है
  • पालक वजन घटाने में मदद करता है
  • पालक आपकी आंखों के लिए अच्छा होता है
  • पालक हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है
  • पालक एनीमीया से बचाव करता है

विटामिन से भरपूर पालक

  • मैग्नीशियम से भरपूर है जो प्रति 100 ग्राम में 79 मिलीग्राम प्रदान करता है
  • कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो प्रति 100 ग्राम में 99मिलीग्राम प्रदान करता है
  • फोलेट का अच्छा स्रोत है जो प्रति 100 ग्राम में 194 ग्राम प्रदान करता है
  • पालक आयरन का समृद्ध स्रोत है प्रति 100 ग्राम में 2.7 मिलीग्राम देता है

Q: पालक का कंपोजीशन क्या है?

A : कच्ची पालक में 91% पानी, 4% कार्बोहाइड्रेट 3% प्रोटीन cum वसा होता है। 100 ग्राम पालक में केवल 23 कैलोरी प्रदान करने वाली पालक में उच्च पोषण मूल्य होता है, विशेष रूप से जब इसे भाप में पकाया जाता है।

Q: 100 ग्राम कच्चे पालक में कितनी कैलोरी होती है?

A : केवल 23 कैलोरी प्रति 100 ग्राम कच्चा पालक।

Q: 100 ग्राम पके हुए पालक में कितनी कैलोरी होती है?

A : 100 ग्राम पकी हुई पालक में 40 कैलोरी होती है।

Q: पालक किस पत्ते को कहा जाता है?

A : पालक (स्पिनसिया)ओलेरासिया)मध्य और पश्चिम एशिया का मूल निवासी एक पत्तेदार हरे फूल वाला एक पौधा है।

Q: पालक को शॉर्ट में कैसे परिभाषित किया जा सकता है?

A : पालक एक पौष्टिक पत्तेदार साग है। ये सब्जी कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है। पालक ऑक्सीडेटिव टेंशन को कम कर सकती है, आंखों को स्वस्थ रख सकती है, हृदय रोग और कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है।

Q: कोन सा पालक सबसे अच्छा है?

A : घर के बगीचे और बाज़ार से खरीदारी करने के लिए Savoy Varities को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि ये दिखने और स्वाद में बेहतर होते हैं और लंबे समय तक टिके रहते हैं।

Q: पालक एक पेड़ है या जड़ी बूटी है?

A : पालक एक जड़ी बूटी का उदाहरण है।

Q: कौन से रंग का पालक सबसे अच्छा होता है?

A : लाल पलक, इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो रक्षा प्रणाली को सपोर्ट करता है।

Q: क्या पालक बालों के लिए अच्छा है?

A : बालों को झड़ने से रोकने के लिए पालक एक आवश्यक भोजन है बालों के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, विटामिन ए और आयरन पालक में प्रचुर मात्रा में मिलती है जो बालों के स्वास्थ्य को सपोर्ट करती है।

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पीएम मोदी की Lakshadweep यात्रा : अदभुत Natural Beauty

पीएम नरेंद्र मोदी 4 जनवरी 2024 को लक्षद्वीप यात्रा पर गए थे, उन्होंने वहां की प्राकृतिक और मनोरम सुंदरता की तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट कीं है, पूरे देश ने उन तस्वीरों को देखा और सराहना की है। मोदी की लक्षद्वीप यात्रा से पहले लोग मालदीव जाना पसंद करते थे लेकिन लक्षद्वीप की उन तस्वीरों को देखकर हजारों भारतीयों ने अपनी मालदीव यात्रा की टिकट रद्द कर दी है।

पीएम मोदी की लक्षदीप यात्रा डिटेल को दूसरे दिन भी रिकॉर्ड लोगो ने गूगल पर सर्च किया है। लक्षदीप सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला वर्ड बना हुआ है। लक्षद्वीपकी अपनी यात्रा के दौरन मोदी ने शांत और सुरम्य द्वीप की तस्वीरें पोस्ट कीं। उन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, तेज इंटरनेट, और क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण पर जोर दियाv

पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने और द्वीप समूह की कुछ तस्वीरें ट्वीट करने के बाद लक्षदीप दूसरे दिन गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड रहा है।

शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश में लोगो का इंटरेस्ट बना रहा। जब प्रधानमंत्री ने कहा कि”वे द्वीपो की सरप्राइज कर देने वाली सुंदरता और इसके निवासियो की अविश्वसनीय गर्मजोशी से अभी भी सरप्राइज है” तो 50,000 से अधिक लोगो ने Google पर लक्षदीप को search किया।

Museum

एक्स (ट्विटर) के एक पोस्ट पर पीएम मोदी ने कमेंट किया”हाल ही में मुझे लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का मौका मिला, इसके द्वीपो के लुभावने द्रश्य और, इसके असाधारण दयालु लोग मुझे आश्चर्यचकित करना कभी नहीं छोड़ते”।

लाइफ जैकेट पहन कर स्नार्कलिंग करने की प्रधानमंत्री की कोशिश ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी, प्रधानमंत्री ने इसे प्रफुल्लित कर देने वाला अनुभव बताया उन्हें आगे कहा कि ”यदि आप अपने आंतरिक अनावरण को अपनाना चाहते हैं तो लक्षद्वीप को आपकी सूची में शामिल किया जाना चाहिए। मैंने अपनी यात्रा के दौरान स्नोर्कलिंग भी की और ये एक अविश्वसनीय अनुभव था”।

“मुझे कवरत्ती, बंगाराम और अगत्ती के लोगों से बात करने का मौका मिला, पीएम मोदी ने द्वीपवासियों को आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया’’ “मुझे अभी लक्षद्वीप समुदाय के साथ समय बिताने का मौका मिला.यहां कुछ झलकियां हैं जिनमें लक्षद्वीप के कुछ हवाई सीन शामिल हैं’’।

फोटो में उन्हें समुद्र के किनारे एक कुर्सी पर आराम करते हुए दिखाया गया है जिसके कैप्शन में लिखा है ”अपनी सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति” मंत्र मुग्ध कर देने वाली है” इसने मुझे ये विचार करने का मौका दिया है कि मैं 140 करोड़ भारतीयों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास कैसे कर सकता हूं ?’’।

उन्होने सुबह सुबह बेदाग सुमुद्रा तटों पर टहलते हुए एक ख़ूबसूरत तसवीर शेयर की और लिखा “प्राचीन समुद्र तटों पर सुबह की सैर के क्षण अद्भुत आनंद से भरे थे”।

लक्षदीप विकास योजना की घोषणा

केंद्र शासित प्रदेश का आधुनिक बुनियादी ढांचा, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल वैकल्पिक, तत्काल इंटरनेट पहुंच और इसकी ”जीवंत स्थानीय संस्कृति का संरक्षण” प्रधानमंत्री की घोषित प्राथमिकताएं हैं”।

“लक्षद्वीप में हमारा लक्ष्य बेहतर विकास के माध्यम से जीवन में सुधार करना है ये केवल भविष्य के बुनियादी ढांचे से संबंधित नहीं है, ये समृद्ध स्थानीय संस्कृति को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, तेज इंटरनेट और पीने के पानी के लिए दरवाजे खोलने के बारे में भी है जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनसे यही भावना झलकती है”।

विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के अनुसार पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा से द्वीप समूह की विशाल पर्यटन क्षमता दुनिया के ध्यान में आई है। जयशंकर ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र का दौरा करके लक्षद्वीप की विशाल पर्यटन क्षमता की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

जयशंकर ने कहा हम सभी को इससे प्रेरित होना चाहिए। पर्यटन बढ़ने से लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा पर्यटक यहां के विशिष्ट रीति रिवाज और संस्कृति का भी स्वाद ले पाएंगे। जयशंकर ने कहा ”आइए हम अपने महान राष्ट्र की सुंदरता और विविधता को प्रदर्शित करें और भारत को वैश्विक मंच के लिए तैयार करें”।

लक्षदीप यात्रा के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

1.लक्षद्वीप एक भारतीय केंद्र शासित प्रदेश है जहां ग़ैर-निवासियों के लिए प्रवेश निषिद्ध है, इसलिए लक्षद्वीप यात्रा के लिए पासपोर्ट आवश्यक है। लक्षद्वीप में प्रवेश से पहले विदेशी नागरिकों को भारतीय वीजा लेना होगा, इसके अतिरिक्त द्वीप क्षेत्र तक पहुंचने के लिए भारतीय नागरिकों को परमिट की आवश्यकता होती है।

कवरत्ती

2. जब आप लक्षद्वीप के लिए यात्रा की योजना बनाएं तो पर्याप्त समय लेकर जाएं जिससे पास के द्वीप को देख सकें और कुछ दिन वहां रह सकें, यदि आप केवल आउटिंग के लिए छुट्टियों पर जाना चाहते हैं तो 4-5 दिन का समय आपको लक्षद्वीप में द्वीपग्रुप के हरे भरे प्राकृतिक सराउंडिंग के काफी करीब ले जाएगा।

3.ताराताशी पैकेज ताराताशी एक पैकेज प्रदान करता है जिसमें द्वीप पर 4-5 दिनों का प्रवास और लक्षद्वीप के प्रशासनिक केंद्र कवरत्ती की यात्रा शामिल रहती है इसके अलावा इस पैकेज में आपकी यात्रा को यादगार बनाने के लिए  पैकेज में तैराकी, स्कूवा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, ग्लास बॉटम बोट राइड और अन्य जल गतिविधियाँ शामिल हैं।

4.लक्षद्वीप की एक सप्ताह लंबी यात्रा का औसत खर्च प्रति व्यक्ति 500 ​​डॉलर (भारतीय मुद्रा 40,000 रुपये से 1,60,000 तक) से 2000 डॉलर तक आता है इसमें यात्रा, आवास, भोजन और मनोरंजन शामिल है।

बंगाराम

5.लक्षद्वीप पर आमतौर पर बोली जाने वाली बोली मलयालम है, माही और मिनिकॉय द्वीप पर सिंहली भाषा बोली जाती है, बोलचाल के लिए हिंदी का भी प्रयोग होता है, ज्यादा जनसंख्या मिनिकॉय, कवरत्ती और एंड्रोट आइलैंड पर रहती है।

6. लक्षद्वीप कई सारे द्वीपों का समूह है इसके द्वीप समूह के बीच में सड़क नहीं है इसलिए द्वीप पर केवल हेलोकॉप्टर सेवाएं, नाव या Ferries के द्वारा ही पहुँच सकते हैं।

7.लक्षद्वीप परिवार के साथ छुट्टियों पर जाने के लिए आदर्श स्थान है, द्वीप पर आपके लिए स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग जैसे कई रोमांचाक गेम्स मिल जाएंगे यदि आपमें साहसिक भावना है तो लक्षद्वीप आपके लिए सर्वोत्तम स्थान हो सकता है।

8.लक्षद्वीप की यात्रा के लिए अक्टूबर से मध्य मई तक का समय आदर्श है, मई से सितंबर तक वहां बारिश होती है, इसलिए मानसून में जहाज से द्वीप तक पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। वैसे लक्षद्वीप के रिसॉर्ट पूरे साल खुले रहते हैं।

9.बंगाराम को छोड़कर पूरे लक्षद्वीप में शराब पर प्रतिबंध है, उच्च गति वाली नौकाओं, जहाजों या जहाज का उपयोग आमतौर पर अंतर-द्वीप ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाता है, अगर मौसम ठीक है तो आपको ये आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

10.लक्षद्वीप 36 छोटे द्वीपों का समूह है, जो अपने हरे भरे परिद्रश्य, आकर्षक और धूप से नहाए समुद्र तटों के लिए जाना जाता है लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है, ये 36 छोटे द्वीप समूह से बना और 32 वर्ग किमी में फैला है।

11. अगत्ती हवाई अड्डा (एजीएक्स) अगत्ती द्वीप पर स्थित लक्षद्वीप समूह का एकमात्र हवाई क्षेत्र है, अगत्ती हवाई अड्डा के द्वारा, अगत्ती द्वीप और निकटवर्ती लक्षद्वीप समूह को सार्वजनिक हवाई सेवा प्रदान की जाती है।

12.एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस एयरपोर्ट को मैनेज करती है। एयरपोर्ट पर 1291 मीटर लंबा सिंगल पैसेंजर टर्मिनल है ये एक डामर रनवे है।

bangaram

यहां नीचे लक्षद्वीप के कुछ पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जिनको आप अपनी लक्षद्वीप यात्रा की योजना बनाते समय यात्रा की सूची में शामिल कर सकते हैं-

  • Minicoy Island: नाव की सवारी के लिए प्रसिद्ध है।
  • Kadmat Island: पर स्वादिष्ट क्षेत्रीय भोजन का स्वाद लिया जा सकता है।
  • Karavatti Island: रोमांचक सूर्यास्त देखने के लिए प्लान किया जा सकता है।
  • Marine Museum: पानी के अंदर समुद्र की दुनिया का आनंद ले सकते हैं।
  • Pitti Bird Sanctuary: में विभिन्न प्रकार के सुंदर पक्षियों को देखा जा सकता है।
  • Thinnkara Island: पर आश्चर्यजनक लैगून को देखा जा सकता है।
  • Kalpeni Island: पर शांत सेर के लिए जा सकते हैं।
  • Bangaram Atoll: को स्वर्ग जैसा आनंद पाने के लिए प्लान किया जा सकता है।
  • Agatti Island: स्मोक्ड टूना मछली के लिए जाना जाता है।
  • Kiltan Island: ऐतिहासिक स्थान है।
  • Andrott Island: इतिहास को पसंद करने वाले लोगो के लिए आदर्श स्थान है।
  • Andmini Beach: स्कूबा डाइविंग प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है।

FAQs:

Q: क्या लक्षद्वीप मालदीव से बेहतर गंतव्य है?

A: यदि आप प्राचीन सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि के साथ लीक से हटकर गंतव्य की तलाश में हैं तो लक्षद्वीप आपका आदर्श विकल्प हो सकता है।

Q: लक्षद्वीप का प्रसिद्ध खाना कौन सा है?

A: मुस कवाब जिसे स्थानीय जनता के अलावा पर्यटक भी पसंद करते हैं इसे बोनलेस मछली से बनाया जाता है जिसे मुस कहते हैं।

Q: लक्षद्वीप का निकटतम राज्य कौन सा है?

A: लक्षद्वीप भारत भूमि से हवाई मार्ग और समुद्र मार्ग द्वारा कनेक्ट है, केरल का कोझिकोड निकटतम बंदरगाह है।

आपको पीएम मोदी की Lakshadweep यात्रा पोस्ट में लक्षद्वीप से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है यदि आपको जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्र मंडली में साझा करें और comment करें।

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अयोध्या राम मंदिर 22 जनवरी के संबंध में आपके लिए आवश्यक सभी जानकारी

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अयोध्या राम मंदिर का 22 जनवरी 2024 को भव्य उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया इस समारोह में देश विदेश के हजारो विशिष्ट लोग ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने भारत भर से अपने क्षेत्र के विशिष्ट लोगो को आमंत्रित किया गया था।

अयोध्या राम मंदिर का पूर्व विवरण

22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या राम मंदिर का लोकार्पण करेंगे प्राणप्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम लला की मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में रखा जाएगा, 24 जनवरी से श्रद्धालू भव्य राम मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

अयोध्या राम मंदिर की पृष्ठभूमि

अयोध्या राम मंदिर आजादी के बाद भारत में निर्मित सबसे बड़े मंदिरो में से एक है जिसको पारंपरिक रीति रिवाजों को नवीनतम तकनीक के साथ जोड़ने के लिए सराहा जाएगा वही 24 जनवरी से श्रद्धालू भव्य मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

मुगल शासक बाबर ने 1528-1529 के बीच बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था, दूसरी ओर हिंदुओं ने भी इस स्थान पर स्वामित्व का दावा करते हुए कहा था कि ये भगवान राम का जन्म स्थान है इसके बाद स्थान पर विवाद हो गया और एक लंबा क़ानूनीसंघर्ष शुरू हो गया, 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि को भगवान राम के जन्म स्थान के रूप में मान्यता देकर स्वामित्व विवाद का समाधान किया जिससे राम मंदिर के निर्माण का रास्ता खुल गया।

अयोध्या राम मंदिर का शिलान्यास समारोह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन समारोह अयोध्या में किया और मंदिर की आधारशिला रखी मंदिर के निर्माण की देख श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है।

अयोध्या राम मंदिर के आयाम और व्यवस्था

मंदिर का स्थान 54700 वर्ग फुट या 2.7 एकड़ भूमि है लगभग 70 एकड़ के कुल क्षेत्रफल के साथ राम मंदिर परिसर में एक समय में 10 लाख उपासको को समयोजित करने के लिए पर्याप्त जगह होगी।

अयोध्या राम मंदिर, फंडिंग और लागत अनुमान है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए 1400-1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी देश के 60 करोड़ हिंदुओं से 5,000 करोड़ का दान मंदिर निर्माण के लिए प्राप्त हुआ है।

अयोध्या राम मंदिर के लिए उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री

अपनी मजबूत और सुंदरता के लिए मशहूर दुर्लभ, गुलाबी संगमरमर पत्थर, राजस्थान बंसी पहाड़पुर के पत्थर को राम मंदिर की अधिरचना बनाने के लिए काटा गया कुल मिलाकर 4 लाख वर्ग फीट पत्थर लगा है, गुलाबी और लाल बंसी पहाड़पुर बलुआ पत्थर राजस्थान में भरतपुर जिले की बयाना तहसील में पाया जाता है। 2021 में केंद्र ने 2016 में लागू किए गए खान निषेध को पलट दिया और भरतपुर में बेंट बरेठा वन्यजीव में गुलाबी बलुआ पत्थर खान को लक्ष्य करके 398 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को राजस्व भूमि में बदलने का सैद्धान्तिक अधिकार दे दिया।

भगवान राम

अक्षर धाम मंदिर, संसद परिसर और आगरा का लाल किला देश की कुछ शानदार इमारतें हैं जिन्हें बंसी पहाड़पुर पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है राम मंदिर बिना ईंट या स्टील के इस्तेमाल के बनाया जाएगा संबंधित सुविधाएं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है जबकि लार्सन एंड टुब्रो मुख्य संरचना के निर्माण का प्रभारी है।

अयोध्या राम मंदिर की आंतरिक विशेषताएँ

भव्य राम मंदिर 161 फीट ऊंचा 235 फीट चौड़ा और 360 फीट लंबा है ये मंदिर प्राचीन शहर की सबसे ऊंची मोजूदा इमारत से 3 गुना ऊंचा है मंदिर के मुख्य वास्तुकर चंद्रकांत भाई सोमपुरा हैं जिन्होनें अपने पुत्र आशीष के साथ मिलकर अयोध्या राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया है चंद्रकांत के पिता प्रभाकर जी सोमपुरा ने सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया किया था।

अयोध्या राम मंदिर के आंतरिक भाग का विवरण

भव्य राम मंदिर का आयाम 360 फीट लंबा 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है 1992 में 79 साल के वास्तुकर चंद्रकांत भाई सोमपुरा को काम दिया गया था सोमपुरा के मुताबिक राम मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के नियमो के अनुरूप नागर शेली में किया जा रहा है गोपुरम स्थापत्य शैली जो दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करती है का उपयोग पूर्वी प्रवेश द्वार के लिए किया गया है मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शन कराने वाली कलाकृतिया है।

अयोध्या राम मंदिर का आकार

मंदिर के गर्भगृह का आकार अष्ट कोणीय है जबकी इसकी परिधि गोलाकर है।

लेवल: मंदिर में 161 फीट ऊंचा एक टावर और पांच गुंबद है तीन मंजिल मंदिर का केंद्र बिंदु गर्भ गृह है भगवान के नवजात अवतार राम लला की मूर्ति के मस्तक पर सूरज की रोशनी पडने के लिए डिजाइन किया गया है कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दोनों ओर के दो प्रार्थना मंडप खुले स्थान होंगे लेकिन गर्भ गृह के समान गृह मंडप पूरी तरह से ढका हुआ होगा।

रामलला की मूर्ति

वहां भगवान राम की तीन मूर्तियां होंगी एक मूर्ति 1949 में खोजे जाने के बाद से दशको से तंबू में है राम मंदिर के निर्माण के परियोजना प्रबंधक जगदीश आफले का कहना है कि दूसरी मूर्ति विशाल होगी जिसे एक दूरी से देखा जा सकेगा।

अयोध्या राम मंदिर की घंटी

राममंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा भारत के सबसे प्रमुख घंटा बनाने वाले स्थान में से एक एटा से ले जाया जा रहा है, 5 फीट चौड़े और 6 फीट ऊंचे घंटे की कीमत 21 लाख रुपये है।

अयोध्या राम मंदिर के खिड़की और दरवाजे 

खिड़की और दरवाजे के निर्माण में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी सागवान, चंद्रपुर महाराष्ट्र से ख़रीदी गई थी सागौन एक विशेष प्रकार की लकड़ी होती है ये एक शताब्दी से अधिक समय तक चल सकती है एक औपचारिक प्रक्रिया के बाद भव्य दरवाजे और खिड़कियों के निर्माण का कार्य शुरू हुआ।

 

 वास्तुकर

अयोध्या राम मंदिर का जीवन काल

भव्य इमारत को एक सहत्राब्दी से अधिक समय तक बनाए रखने का इरादा है, प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्री, डिजाइन और चित्र आईआईटी चेन्नई में बनाये गए हैं इसके बाद एलएंडटी और टीसीई ने इसका परीक्षण किया है।

केन्द्रीय अनुसंधान भवन संस्थान को 1000 वर्ष के एजेंडे के लिए स्थिर परीक्षण करने का काम सोपा गया सिमुलेशन के माध्यम से सीआरबीआई ने संरचना पररखे जाने वाले कुल भार का परीक्षण किया।

अयोध्या राम मंदिर के दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्री

हर दिन मंदिर में लगभग 50,000 पर्यटक आते हैं ऐसा अनुमान है कि जब मंदिर अधिकारिक तौर पर खोला जाएगा तो ये संख्या बढ़कर 100,000 हो जाएगी।

अयोध्या राम मंदिर की समय रेखा

1850: का दशक: देश व्यापी संप्रदायिक हिंसा की शुरूआत हुई।

1949: में मस्जिद के भीतर राम की मूर्ति मिलने से पूरे समुदाय में तनाव बढ़ गया।

1950: मूर्ति की पूजा की अनुमति मांगने वाले 2 मुकदमे फैजाबाद सिविल कोर्ट में फाइल किये गये।

1961: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मूर्ति हटाने की मांग की।

1986: में जिला न्यायालय ने इस स्थान पर हिंदू भक्तों का स्वागत किया।

1992: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ।

2010: में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला को विवादित क्षेत्र को 3 भागो में बांटने का आदेश दिया।

2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा।

2016: सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

2019: सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ,ट्रस्ट को 2.77 एकड़ भूमि का पूर्ण स्वामित्व प्रदान किया गया और सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को बैकअप स्थान के रूप में 5 एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया गया।

2020: में पीएम मोदी ने आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया।

अयोध्या कैसे पहुचा जा सकता है

वायुमार्ग: सभी प्रमुख भारतीय शहरों से आप अयोध्या एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं, एयरपोर्ट से सिटी सेंटर तक जाने के लिए टैक्सी और ऑटो रिक्शा दो आसान रास्ते हैं एयरपोर्ट और शहर के केंद्र के बीच की दूरी लगभग 8-10 किमी है।

सड़क: अयोध्या में पडोसी कस्बों और शहरों से बेहतर सड़क कनेक्टिविटी है, आस-पास के स्थानों से अयोध्या जाने के लिए आप सार्वजनिक परिवहन जैसे टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं।

ट्रेन: अयोध्या जंक्शन, अयोध्या का निकटतम रेलवे स्टेशन है, भारत के हर प्रमुख शहर से अयोध्या के लिए रेल सुविधा देने का प्रयास, राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है, रेलवे स्टेशन से हवाई अड्डे के लिए ऑटो रिक्शा या टैक्सी ले सकते हैं ये लगभग 6-8 किमी दूर है।

FAQs:

Q: राम मंदिर में किस पत्थर का उपयोग किया गया है?

A: राम मंदिर के परियोजना प्रबंधक वीके मेहता ने बताया एनआईआरएम के वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित ग्रेनाइट के लग भाग 20,700 बड़े ब्लॉक, बलुआ पत्थर के 32,800 ब्लॉक और संगमरमर के 7,200 ब्लॉक का उपयोग किया गया।

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महाशिवरात्रि कब है, कैसे मनाये ?शिव मंत्र जाप विधि और पौराणिक महत्तव

तुलसी पूजन दिवस : जाने तुलसी पूजन विधि तुलसी के प्रकार और औषधीय महत्व

आपको अयोध्या राम मंदिर पोस्ट में मंदिर से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है यदि आपकी जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्र मंडली में साझा करें।

तुलसी पूजन दिवस : जाने तुलसी पूजन विधि तुलसी के प्रकार और औषधीय महत्व

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भारतीय संस्कृति के पुरातन ग्रंथ वेदो में भी तुलसी के गुणों और इनकी उपयोगिता को समझाया गया है, तुलसी का वानस्पतिक नाम ओसीमम सैक्टम है, भारत में लोग तुलसी को अपने घर के आंगन में ,बगीचे में लगाते हैं और दरवाजे पर रखते हैं, इनके पत्ते अंडाकार आकार के होते हैं,और तुलसी समूह विन्यास (Configuration) में पिंक वॉयलेट मंजरी के साथ आती हैं

ज्यादातर बरसात के मौसम में नए पौधे बिना प्रयास के स्वयं ही आ जाते हैं वैसे तो गुण और धर्म की दृष्टि से श्यामा तुलसी को ही बेहतर माना जाता है लेकिन विद्वान दोनों को समान ही मानते हैं भारत में तुलसी को जल अर्पित करके पूजा करने की परंपरा है जिससे ये फले-फूले इनको विष्णुप्रिया, हरिप्रिया, वृंदा, श्यामा आदि नामों से पुकारा जाता है 

आज भारत में तुलसी पूजन दिवस मनाया जा रहा है हर हिंदू घर में पवित्र तुलसी का दर्शन और पूजन शुभ माना जाता है आयुर्वेदिक दृष्टि से भी तुलसी बहुत महत्वपूर्ण है भारत में 3 प्रकार की तुलसी पाई जाती है तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है इसलिए तुलसी को हरिप्रिया भी कहा जाता है तुलसी की पूजा सुख, मानसिक शांति और समृद्धि के लिए रोजाना करनी चाहिए, तो आइए आज 25 दिसंबर को तुलसी पूजन के विशेष अवसर पर मां तुलसी से जुड़े सभी अज्ञात तथ्यों के बारे आप से शेयर कर रहे हैं

भारत में तुलसी के प्रकार

  1. बैंगनी हरे पत्ती वाली तुलसी को श्यामा तुलसी कहा जाता है
  2. चमकीली हरे पत्ती वाली तुलसी को रामा तुलसी कहा जाता है
  3. सामान्य बड़ी पत्ती वाली तुलसी को वन तुलसी कहा जाता है

बैंगनी हरे पत्ती वाली श्यामा तुलसी

आपने घरो में श्यामा तुलसी को देखा होगा, श्यामा तुलसी का रंग गहरा हरा होता है, इनकी पत्तियां गहरे हरे और बैंगनी रंग की होती हैं और इसलिए इन्हें श्यामा तुलसी कहा जाता है, इस तुलसी के श्याम रंग के कारण ही इन्हें भगवान की अति प्रिय कहा जाता है। और कृष्णा तुलसी के नाम से भी जाना जाता है

श्यामा तुलसी

चमकीली हरे पत्ती वाली रामा तुलसी

गुण धर्मो में रामा और श्यामा तुलसी समान होती हैं, इनकी पत्तियां चमकीली और हरे रंग की होती हैं दोनों प्रकार की तुलसी में पत्तियां सुगंधित और अंडाकार होती हैं तथा मंजरी में छोटे काले बीज होते हैं, दोनों एक दूसरे की पूरक होती हैं, दोनों के समान औषधीय गुण होते हैं और आध्यात्मिक सम्मान भी समान है

रामा तुलसी

सामान्य बड़े पत्तों वाली वन तुलसी

श्यामा और रामा तुलसी की अपेक्षा वन तुलसी हिमालय क्षेत्र में होती है सामान्य तोर पर ये घरो में उपलब्ध नहीं होती है, इनके पत्ते दो रंग के होते हैं, ऊपर के पत्ते चमकीले हल्के हरे रंग के होते हैं और नीचे के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं, सभी प्रकार तुलसी में इन्हें सबसे बेहतर और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है, इन्हें जंगली तुलसी और बर्बरी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है।

वन तुलसी

तुलसी पूजन के मंत्र

वृंदा वृंदावनि विश्वपूजिता विश्वपावनी | पुष्पसार नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी||

एतभामांष्टक चैब स्तोत्रं नामार्थं संयुतम| यः पठेत तम च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलं लभेत्||

अर्थ: हे वृंदा देवी ! आप वृंदावनी, विश्वपूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा,नंदनीय तुलसी और कृष्णजीवनी हो, श्री तुलसी के पूजन के समय जो इन 8 नामों का पाठ करता है वह अश्वमेध यज्ञ के फल को प्राप्त करता है

तुलसी पूजन कैसे करें

प्रतिदिन सुबह और शाम तुलसी पूजन का विधान है, पूजन सामग्री में धूप, दीप, अगरबत्ती, सिन्दूर, माला, जल अर्पण करना शुभ माना जाता है

तुलसी दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए:

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम धन सम्पदाम्  |

शत्रु बुद्धि विनाशाय दीपम् ज्योति नमोस्तुते ||

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को तुलसी दीपक जलाने और पूजन करने,तुलसी को स्पर्श करने का निषेध किया गया है

 

तुलसी के कुछ दिव्य मंत्र हैं जिनके नियम जप से जीवन पर चमत्कारी प्रभाव देखने में आता है, तुलसी गायत्री मंत्र एक ऐसा ही मंत्र है, इसके नियम जप से देवी लक्ष्मी की कृपा होती है गायत्री मंत्र जाप यदि एकादशी, शनिबार और शुक्रवार को किया जाए तो विशेष अच्छा रहता है, मंत्र जाप 9 से अधिक 11 108 या 1008 बार करना चाहिए।

तुलसी माला

हिंदू धर्म में तुलसी माला का अलग ही आध्यात्मिक महत्व है, इसे वैष्णव लोग (जोकी भगवान कृष्ण की आराधना करने वाले) धारण करते हैं इसमें 108 मनके होते हैं, इसे पहनने से हृदय को शांति मिलती है

तुलसी का पौधा किस दिशा में रखना चाहिए?

तुलसी को घर की उत्तर दिशा में रखकर पूजन करने का विधान है, और आरती के समय पूर्व दिशा में मुख होना चाहिए ऐसा माना जाता है कि उत्तर दिशा कुबेर की होती है, और इस दिशा में पूजन करने से घर में धन, शांति, सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है

तुलसी का औषधीय महत्व

भारतीय संस्कृति में तुलसी को पूज्यनीय माना जाता है, हिंदू धर्म में बिना तुलसी के धार्मिक अनुष्ठान शुरू नहीं होते हैं धार्मिक महत्व के साथ तुलसी औषधीय गुणो से भी भरपूर है, तुलसी एक ऐसी औषधि है जो सर्दी, जुकाम, खांसी, दांत रोग और श्वास रोग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसीलिये तुलसी को ‘जड़ी बूटीयों की रानी’ कहा जाता है

तुलसी में खनिज और विटामिन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जिनमें विटामिन सी, जिंक, आयरन, क्लोरोफिल और कैल्शियम मुख्य हैं आइये जानते हैं तुलसी किस रोग में तुलसी के क्या औषधीय फायदे हैं

तनाव दूर करने में तुलसी की भूमिका 

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) के शोध के अनुसार तुलसी में एंटीस्ट्रेस तत्व होते हैं जो तनाव से राहत देने का काम करते हैं

सर्दी जुकाम में तुलसी की भूमिका

तुलसी को प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है जिससे सर्दी ,जुखाम ,बुखार जैसे रोगो से लडने में ताकत मिलती है

घाव भरने में तुलसी की भूमिका

तुलसी में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल तत्व चोट के घाव को पकने से रोकते हैं और तुलसी के पत्तों को फिटकारी के साथ पीसकर लगाने पर चोट को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं

आयुर्वेदिक और हर्बल सिरप बनाने में तुलसी का प्रयोग

तुलसी की पत्तियां बात और कफ को समाप्त कर देती हैं, इसलिए कई आयुर्वेदिक और हर्बल कफ सिरप बनाने में तुलसी को एक मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है

मृत्यु के समय तुलसी की भूमिका

हिंदू धर्म में जीवन के अंतिम समय में मुंह तुलसी दल डाला जाता है ऐसा माना जाता है कि इससे सद्गति प्राप्त होती है मृत्यु के समय गले में कफ जमा हो जाने पर सांस लेने और बोलने में समस्या होती है, तुलसी के पत्तो में कफ को समाप्त करने का विशेष गुण होता है ऐसे में तुलसी का रस गला साफ करने में मदद करता है

तुलसी पूजन से सकारात्मक ऊर्जा

घर में तुलसी का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है, वहीं जब हम रोजाना तुलसी पूजा करते हैं तो शरीर में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे बुद्धि तेज और कार्य करने में सफलता मिलती है

तुलसी विवाह का आयोजन

हर साल दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवोत्थान एकादशी आती है इस दिन देवी तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह बड़े धूमधाम से किया जाता है, भगवान कृष्ण ने देवी तुलसी से शालिग्राम रूप में ही विवाह किया था, दैनिक तुलसी पूजन से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा सहजता से प्राप्त हो सकती है।

FAQs:

Q: क्या तुलसी का पौधा दूसरो को उपहार में सकते है?

A: वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा सबसे पवित्र और शुभ पौधा है, जो सकारात्मकता बढ़ाता है इसलिए पौधे को उपहार देना उपयुक्त और सार्थक संकेत है।

Q:  तुलसी पूजन के नियम क्या है?

A: प्रतिदिन तुलसी पूजन करना चाहिए लेकिन एकादशी और रविवार के दिन तुलसी पूजन और जल नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि माता तुलसी उस दिन प्रभु श्री हरि विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है।

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