अयोध्या राम मंदिर 22 जनवरी के संबंध में आपके लिए आवश्यक सभी जानकारी

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अयोध्या राम मंदिर

अयोध्या राम मंदिर का 22 जनवरी 2024 को भव्य उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया इस समारोह में देश विदेश के हजारो विशिष्ट लोग ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने भारत भर से अपने क्षेत्र के विशिष्ट लोगो को आमंत्रित किया गया था।

अयोध्या राम मंदिर का पूर्व विवरण

22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या राम मंदिर का लोकार्पण करेंगे प्राणप्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम लला की मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में रखा जाएगा, 24 जनवरी से श्रद्धालू भव्य राम मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

अयोध्या राम मंदिर की पृष्ठभूमि

अयोध्या राम मंदिर आजादी के बाद भारत में निर्मित सबसे बड़े मंदिरो में से एक है जिसको पारंपरिक रीति रिवाजों को नवीनतम तकनीक के साथ जोड़ने के लिए सराहा जाएगा वही 24 जनवरी से श्रद्धालू भव्य मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

मुगल शासक बाबर ने 1528-1529 के बीच बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था, दूसरी ओर हिंदुओं ने भी इस स्थान पर स्वामित्व का दावा करते हुए कहा था कि ये भगवान राम का जन्म स्थान है इसके बाद स्थान पर विवाद हो गया और एक लंबा क़ानूनीसंघर्ष शुरू हो गया, 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि को भगवान राम के जन्म स्थान के रूप में मान्यता देकर स्वामित्व विवाद का समाधान किया जिससे राम मंदिर के निर्माण का रास्ता खुल गया।

अयोध्या राम मंदिर का शिलान्यास समारोह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन समारोह अयोध्या में किया और मंदिर की आधारशिला रखी मंदिर के निर्माण की देख श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है।

अयोध्या राम मंदिर के आयाम और व्यवस्था

मंदिर का स्थान 54700 वर्ग फुट या 2.7 एकड़ भूमि है लगभग 70 एकड़ के कुल क्षेत्रफल के साथ राम मंदिर परिसर में एक समय में 10 लाख उपासको को समयोजित करने के लिए पर्याप्त जगह होगी।

अयोध्या राम मंदिर, फंडिंग और लागत अनुमान है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए 1400-1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी देश के 60 करोड़ हिंदुओं से 5,000 करोड़ का दान मंदिर निर्माण के लिए प्राप्त हुआ है।

अयोध्या राम मंदिर के लिए उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री

अपनी मजबूत और सुंदरता के लिए मशहूर दुर्लभ, गुलाबी संगमरमर पत्थर, राजस्थान बंसी पहाड़पुर के पत्थर को राम मंदिर की अधिरचना बनाने के लिए काटा गया कुल मिलाकर 4 लाख वर्ग फीट पत्थर लगा है, गुलाबी और लाल बंसी पहाड़पुर बलुआ पत्थर राजस्थान में भरतपुर जिले की बयाना तहसील में पाया जाता है। 2021 में केंद्र ने 2016 में लागू किए गए खान निषेध को पलट दिया और भरतपुर में बेंट बरेठा वन्यजीव में गुलाबी बलुआ पत्थर खान को लक्ष्य करके 398 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को राजस्व भूमि में बदलने का सैद्धान्तिक अधिकार दे दिया।

भगवान राम

अक्षर धाम मंदिर, संसद परिसर और आगरा का लाल किला देश की कुछ शानदार इमारतें हैं जिन्हें बंसी पहाड़पुर पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है राम मंदिर बिना ईंट या स्टील के इस्तेमाल के बनाया जाएगा संबंधित सुविधाएं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है जबकि लार्सन एंड टुब्रो मुख्य संरचना के निर्माण का प्रभारी है।

अयोध्या राम मंदिर की आंतरिक विशेषताएँ

भव्य राम मंदिर 161 फीट ऊंचा 235 फीट चौड़ा और 360 फीट लंबा है ये मंदिर प्राचीन शहर की सबसे ऊंची मोजूदा इमारत से 3 गुना ऊंचा है मंदिर के मुख्य वास्तुकर चंद्रकांत भाई सोमपुरा हैं जिन्होनें अपने पुत्र आशीष के साथ मिलकर अयोध्या राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया है चंद्रकांत के पिता प्रभाकर जी सोमपुरा ने सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया किया था।

अयोध्या राम मंदिर के आंतरिक भाग का विवरण

भव्य राम मंदिर का आयाम 360 फीट लंबा 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है 1992 में 79 साल के वास्तुकर चंद्रकांत भाई सोमपुरा को काम दिया गया था सोमपुरा के मुताबिक राम मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के नियमो के अनुरूप नागर शेली में किया जा रहा है गोपुरम स्थापत्य शैली जो दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करती है का उपयोग पूर्वी प्रवेश द्वार के लिए किया गया है मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शन कराने वाली कलाकृतिया है।

अयोध्या राम मंदिर का आकार

मंदिर के गर्भगृह का आकार अष्ट कोणीय है जबकी इसकी परिधि गोलाकर है।

लेवल: मंदिर में 161 फीट ऊंचा एक टावर और पांच गुंबद है तीन मंजिल मंदिर का केंद्र बिंदु गर्भ गृह है भगवान के नवजात अवतार राम लला की मूर्ति के मस्तक पर सूरज की रोशनी पडने के लिए डिजाइन किया गया है कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दोनों ओर के दो प्रार्थना मंडप खुले स्थान होंगे लेकिन गर्भ गृह के समान गृह मंडप पूरी तरह से ढका हुआ होगा।

रामलला की मूर्ति

वहां भगवान राम की तीन मूर्तियां होंगी एक मूर्ति 1949 में खोजे जाने के बाद से दशको से तंबू में है राम मंदिर के निर्माण के परियोजना प्रबंधक जगदीश आफले का कहना है कि दूसरी मूर्ति विशाल होगी जिसे एक दूरी से देखा जा सकेगा।

अयोध्या राम मंदिर की घंटी

राममंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा भारत के सबसे प्रमुख घंटा बनाने वाले स्थान में से एक एटा से ले जाया जा रहा है, 5 फीट चौड़े और 6 फीट ऊंचे घंटे की कीमत 21 लाख रुपये है।

अयोध्या राम मंदिर के खिड़की और दरवाजे 

खिड़की और दरवाजे के निर्माण में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी सागवान, चंद्रपुर महाराष्ट्र से ख़रीदी गई थी सागौन एक विशेष प्रकार की लकड़ी होती है ये एक शताब्दी से अधिक समय तक चल सकती है एक औपचारिक प्रक्रिया के बाद भव्य दरवाजे और खिड़कियों के निर्माण का कार्य शुरू हुआ।

 

 वास्तुकर

अयोध्या राम मंदिर का जीवन काल

भव्य इमारत को एक सहत्राब्दी से अधिक समय तक बनाए रखने का इरादा है, प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्री, डिजाइन और चित्र आईआईटी चेन्नई में बनाये गए हैं इसके बाद एलएंडटी और टीसीई ने इसका परीक्षण किया है।

केन्द्रीय अनुसंधान भवन संस्थान को 1000 वर्ष के एजेंडे के लिए स्थिर परीक्षण करने का काम सोपा गया सिमुलेशन के माध्यम से सीआरबीआई ने संरचना पररखे जाने वाले कुल भार का परीक्षण किया।

अयोध्या राम मंदिर के दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्री

हर दिन मंदिर में लगभग 50,000 पर्यटक आते हैं ऐसा अनुमान है कि जब मंदिर अधिकारिक तौर पर खोला जाएगा तो ये संख्या बढ़कर 100,000 हो जाएगी।

अयोध्या राम मंदिर की समय रेखा

1850: का दशक: देश व्यापी संप्रदायिक हिंसा की शुरूआत हुई।

1949: में मस्जिद के भीतर राम की मूर्ति मिलने से पूरे समुदाय में तनाव बढ़ गया।

1950: मूर्ति की पूजा की अनुमति मांगने वाले 2 मुकदमे फैजाबाद सिविल कोर्ट में फाइल किये गये।

1961: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मूर्ति हटाने की मांग की।

1986: में जिला न्यायालय ने इस स्थान पर हिंदू भक्तों का स्वागत किया।

1992: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ।

2010: में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला को विवादित क्षेत्र को 3 भागो में बांटने का आदेश दिया।

2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा।

2016: सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

2019: सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ,ट्रस्ट को 2.77 एकड़ भूमि का पूर्ण स्वामित्व प्रदान किया गया और सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को बैकअप स्थान के रूप में 5 एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया गया।

2020: में पीएम मोदी ने आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया।

अयोध्या कैसे पहुचा जा सकता है

वायुमार्ग: सभी प्रमुख भारतीय शहरों से आप अयोध्या एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं, एयरपोर्ट से सिटी सेंटर तक जाने के लिए टैक्सी और ऑटो रिक्शा दो आसान रास्ते हैं एयरपोर्ट और शहर के केंद्र के बीच की दूरी लगभग 8-10 किमी है।

सड़क: अयोध्या में पडोसी कस्बों और शहरों से बेहतर सड़क कनेक्टिविटी है, आस-पास के स्थानों से अयोध्या जाने के लिए आप सार्वजनिक परिवहन जैसे टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं।

ट्रेन: अयोध्या जंक्शन, अयोध्या का निकटतम रेलवे स्टेशन है, भारत के हर प्रमुख शहर से अयोध्या के लिए रेल सुविधा देने का प्रयास, राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है, रेलवे स्टेशन से हवाई अड्डे के लिए ऑटो रिक्शा या टैक्सी ले सकते हैं ये लगभग 6-8 किमी दूर है।

FAQs:

Q: राम मंदिर में किस पत्थर का उपयोग किया गया है?

A: राम मंदिर के परियोजना प्रबंधक वीके मेहता ने बताया एनआईआरएम के वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित ग्रेनाइट के लग भाग 20,700 बड़े ब्लॉक, बलुआ पत्थर के 32,800 ब्लॉक और संगमरमर के 7,200 ब्लॉक का उपयोग किया गया।

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आपको अयोध्या राम मंदिर पोस्ट में मंदिर से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है यदि आपकी जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने मित्र मंडली में साझा करें।

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